संदेश

संघर्ष ही सफलता का मूल मंत्र है

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह अपने ईष्ट देवता का बड़ा भक्त था। दिन हो या रात, वह हर समय अपने भगवान को याद करता रहता था। परंतु उसका जीवन बहुत कष्टमय था। जब भी वह खेतों में फसल बोता, किसी न किसी कारण से वह नष्ट हो जाती — कभी अधिक वर्षा से, कभी अधिक धूप से, तो कभी ठंड से। कई बार मेहनत के बावजूद फसल की उपज बहुत कम होती। धीरे-धीरे किसान के मन में भगवान के प्रति शिकायतें बढ़ने लगीं। एक दिन उसने दुखी होकर कहा — “हे भगवान ! आपको यहाँ के वातावरण का कुछ पता ही नहीं। आप कभी ज़रूरत से ज़्यादा वर्षा कर देते हैं, तो कभी तेज़ धूप या ठंड भेज देते हैं। इस कारण हमारी फसलें खराब हो जाती हैं और हमारा परिवार भूखा रह जाता है।” किसान के मन की व्यथा सुनकर भगवान उसके सामने प्रकट हुए और बोले — “वत्स! आज से मौसम पर तुम्हारा अधिकार रहेगा। जब चाहो वर्षा हो, जब चाहो धूप या ठंड — सब कुछ तुम्हारे अनुसार होगा।” यह सुनकर किसान बहुत खुश हुआ। अब वह अपने मन मुताबिक मौसम बदलवाने लगा। जहाँ ज़रूरत लगी वहाँ वर्षा करवाई, जहाँ धूप चाहिए थी वहाँ धूप दिलवाई। उसके खेतों में इस बार फसलें खू...

Ranchi में ₹15,000 Salary वाले लोग कैसे घर चलाएं – मेरा 1 साल का अनुभव

आजकल ₹15,000 सैलरी में घर चलाना आसान काम नहीं है, खासकर अगर आप Ranchi जैसे शहर में रहते हैं। मैंने खुद 1 साल तक ₹15,000 की सैलरी में अपनी और घर की जरूरतें पूरी की हैं। इस दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा, जो मैं आज आपके साथ शेयर कर रहा हूँ। --- मेरी मासिक खर्च की सूची मेरी सैलरी का उपयोग मैं बहुत सोच-समझकर करता हूँ। यहाँ मेरे मासिक खर्च का हिसाब है: खर्च का प्रकार राशि (₹) कमरा किराया (per वयक्ति) 1,000/- साधारण खाना 1,500/- बिजली बिल (per व्यक्ति) 50/- पेट्रोल 1,000/- मोबाइल रिचार्ज 300/- बाइक का अतिरिक्त खर्च 500/- पर्सनल खर्च 500/- टायर पंचर/मरम्मत 150/- घर भेजना 10,000/- इस तरह, मेरी कुल सैलरी का सबसे बड़ा हिस्सा घर भेजने में ही चला जाता है। --- 50/30/20 नियम – हमारी जीवनशैली का आधार मैंने घर में 50/30/20 का नियम लागू किया है। 50% जरूरतें – खाना, किराया, बिजली, पेट्रोल जैसी आवश्यक चीजें। 30% इच्छाएं – छोटी-छोटी खुशियाँ, पर्सनल खर्च। 20% बचत – इमरजेंसी फण्ड और भविष्य के लिए। हमारे घर में सभी इस नियम का पालन करते हैं। इस वजह से हमारी जिंदगी अभी संतुलित और अच्छी चल रही है। --- सा...

अपने करमों का फल अवश्य मिलता हैं

बहोत समय पहले की बात हैं। गांव में एक किसान रहा करता था। जिनके माँ - बाप पत्नी और दो बच्चे थे। वो रोजाना मजदूरी किया करते थे।  उन्हें महीना में कई बार काम भी मिल नहीं पता था। उनका इस्थिति बहोत दयनीय था। वो किसी तरह अपने परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से कर पा रहे थे । लेकिन इन सब के बावजूद उनमे इंसानियत जिन्दा था।  वे अक्सर लोगों को भला ही सोचते थे। हमेशा लोगों को निष्ठां पूर्वक सेवा करने का भावना रखते थे। एक बार की बात हैं जब वो काम करके आ रहे थे, उसी समय रास्ते में एक वृद्ध वयक्ति दिखाई दिए, जो ठण्ड से काफी कांप रहे थे। उसी रास्ते से काफी लोग गुजर रहे थे, लेकिन कोई भी उनके और ध्यान नहीं दें रहे थे। लेकिन  किसान ने ऐसा नहीं किया। वे रास्ते में आते वक्त उसे देखते ही रुके और बिना कुछ सोचे समझें उनसे बात करने लगे। बहोत विनती करने के बाद उन्हें अपने साथ घर ले आये। और उन्हें अपना पत्नी के हाथों से बना गर्म खाना खिलाये फिर उन्हें रात भर अपने पास ही सुलाए। सुबह उठकर वे नास्ता करने के बाद जाने लगे, जाते जाते बोले की बेटा मैंने पूरी दुनिआ घूमी हैं लेकिन आपके जैसा विचार का वयक्ति बह...

अपने हालात को कोसे नहीं, बल्कि उनका डट कर सामना करें

  नमस्कार दोस्तों.. 🙏🙏 आपका अपना यात्री सेवा ब्लॉग में आपका स्वागत हैं। जैसा की आप सब को पता हैं की मै रोजाना इस ब्लॉग पर जीवन से जुडी अनुभव को आपके साथ साझा करता हूँ। तो चलिए बिना देरी किये आज का रियल स्टोरी सुरु करते हैं। वैसे तो मै रोजाना अपना करता हूँ लेकिन आज काम के दौरान एक ऐसे वयक्ति से मुलाक़ात हुई जो पूरी तरह से अपाहिज था.. लेकिन  फिर भी वो जोमाटो कर रहा था उसे देखकर मेरे आँखों में आंसू आ गए मैंने देखा की वो किस तरह से अपना तीन पहिया स्कूटी से जैसे तैसे उतर कर अपना पार्सल ले रहा था मुझे बहोत दया आ रहा था…खुद पर बहोत शर्मिंदगी महसूस हो रहा था.. मै चाह कर भी उसके लिए कुछ भी नहीं कर पाया.. मेरे पास खुद बिलकुल भी पैसे नहीं थे…मुझे अभी भी बहोत अफ़सोस हैं…अब चाहे मेरे जिंदगी में जीतनी भी मुस्किले आये मै उनका हस्ते हस्ते सामना  करूँगा अगर जिंदगी बोझ लगने लगे तब मै उस इंसान को याद करूँगा जिसे मैंने आज मिला। रास्ते में ऐसे कई विकलांग होते हैं जो भिक्छा मांगते रहते हैं…कई लोगों को तो अच्छे से खाने तक का नसीब नहीं हो पता केवल पानी पीकर सो जाते हैं। आपसे नम्र निवेदन हैं की ह...

🌿 सच्ची सेवा की कहानी

राजेश जी हर दिन अपने काम पर जाते समय एक पुराने मंदिर के पास से गुज़रता था। मंदिर के बाहर एक बुजुर्ग बाबा बैठे रहते थे, जिनकी हालत बहुत कमजोर थी। लोग आते-जाते थे, कोई चंदा डाल देता, कोई प्रसाद दे देता, पर ज़्यादातर लोग जल्दी में  ही निकल जाते। एक दिन राजेश जी के हाथ में टिफिन था, जो उसकी पत्नी ने उसके लिए बनाया था। अचानक उसने देखा कि बाबा बहुत थके और भूखे लग रहे हैं। वह दो मिनट रुका और अपने टिफिन में से आधा खाना निकालकर बाबा को दे दिया। बाबा ने कांपते हाथों से खाना लिया और आँसुओं से भरी आँखों से बोले – बेटा, यह केवल खाना नहीं, यह तो मेरे लिए समान अमृत है। उस दिन के बाद राजेश जी ने यह निश्चय किया कि वह रोज़ थोड़ा-थोड़ा बाँटेगा – कभी खाने से, कभी समय से, कभी प्यार भरे शब्दों से। धीरे-धीरे मोहल्ले के और लोग भी जुड़ गए। अब वहाँ रोजाना 8-10 लोग मिलकर भोजन, समय और कपड़े आदि बाँटते हैं। सारांश :- “सेवा कभी बड़ी या छोटी नहीं होती। सेवा का असली अर्थ है – किसी को यह महसूस कराना कि वह अकेला नहीं है।” धन्यवाद 🙏

👉 पैसे बचाने के 5 आसान और असरदार तरीके

 आज के समय में पैसे कमाना जितना मुश्किल है, उससे भी ज़्यादा मुश्किल है पैसे बचाना। कभी बिजली का बिल, कभी घर का किराया, कभी ज़रूरी सामान – और महीने के आखिर में हमें लगता है कि सारा पैसा कहाँ चला गया। सच कहें तो, पैसा सिर्फ कमाने से नहीं, बल्कि सही तरीके से संभालने से बढ़ता है। तो आइए जानते हैं 5 ऐसे आसान और असरदार तरीके, जिनसे आप अपनी ज़िंदगी में पैसे बचाना शुरू कर सकते हैं। --- 1. खर्च लिखने की आदत डालें ✍️ हम रोज़ाना छोटी-छोटी चीज़ों पर पैसे खर्च करते हैं, लेकिन हमें याद भी नहीं रहता। अगर आप हर दिन का खर्च एक कॉपी या मोबाइल ऐप में लिखेंगे, तो आपको खुद पता चलेगा कि आपका पैसा कहाँ बेकार जा रहा है। --- 2. ज़रूरत और चाहत में फर्क समझें ✅ अक्सर हम चाहत को ज़रूरत समझ लेते हैं। मोबाइल अपग्रेड करना, महंगे कपड़े खरीदना या ऑनलाइन ऑफर देखकर शॉपिंग करना – ये सब चाहत हैं, ज़रूरत नहीं। --- 3. हर महीने बजट बनाएं 📊 महीने की शुरुआत में ही तय करें कि खाना, घर, यात्रा और मनोरंजन पर कितना खर्च करना है। बजट बनाने से आप अनावश्यक खर्च से बच पाएंगे और आपके पास हमेशा थोड़ी बचत रहेगी। --- 4. छोटी बचत को न...